Minimum balance limit fixed
Minimum balance limit fixed : SBI, PNB and HDFC , बैंक ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस लिमिट हुए तय
एसबीआई (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और एचडीएफसी बैंक (HDFC) ने बैंक खाताधारकों के लिए मिनिमम बैलेंस (न्यूनतम शेष राशि) के नियमों को निश्चित किया है, जिनमें विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग बैलेंस लिमिट तय की गई है।
एसबीआई (SBI) का मिनिमम बैलेंस नियम
SBI ने अधिकांश सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस का कोई निर्धारण नहीं किया है। इससे खाताधारकों को न्यूनतम बैलेंस रखने का दबाव नहीं रहता है। एसबीआई के बेसिक सेविंग्स अकाउंट्स जैसे इंस्टा प्लस, बेसिक सेविंग्स, और सेविंग्स प्लस अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की जरूरत नहीं है। यह सुविधा छोटे खातों और नाबालिगों के खातों के लिए भी लागू होती है। हालांकि, कुछ विदेशी करेंसी खातों में न्यूनतम बैलेंस की शर्तें लागू हैं। इसके अलावा, एसबीआई ने 11 मार्च 2020 से नॉन मेंटेनेंस ऑफ मिनिमम बैलेंस पर कोई पेनल्टी नहीं लगाई है, जिससे ग्राहकों को राहत मिली है
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का नियम
PNB ने 1 जुलाई 2025 से अपने सभी सेविंग्स अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस के लिए पेनल्टी चार्ज खत्म कर दिए हैं। इसका मतलब है कि अब PNB के खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस में कमी के कारण कोई जुर्माना नहीं देना होगा। पहले भी PNB के कई सेविंग अकाउंट्स में न्यूनतम शेष राशि के लिए कोई सख्त नियम नहीं था, और अब यह पूरी तरह से पेनल्टी मुक्त हो गया है
एचडीएफसी बैंक (HDFC) का मिनिमम बैलेंस नियम
एचडीएफसी बैंक ने 1 जुलाई 2022 से अपने सेविंग अकाउंट्स के लिए मिनिमम एडवरज बैलेंस (Average Monthly Balance) के नियम कड़े किए हैं, जो अभी भी लागू हैं।
मेट्रो और शहरी इलाकों में ₹10,000 का न्यूनतम मासिक बैलेंस रखनाः आवश्यक
अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ₹5,000 का न्यूनतम मासिक बैलेंस
ग्रामीण इलाकों में ₹2,500 का न्यूनतम मासिक बैलेंस
अगर ग्राहक ये न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाते हैं, तो पेनल्टी के तौर पर 6% तक की राशि या ₹600 तक का जुर्माना लगाया जाता है (जो भी कम हो)
निष्कर्ष
बैंक जैसे SBI और PNB ने मिनिमम बैलेंस की पेनल्टी खत्म करके ग्राहकों को राहत दी है, जबकि HDFC बैंक ने अभी भी स्केल्ड मिनिमम बैलेंस नियम बनाए रखा है जो क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग है। ग्राहक अपने बैंक और क्षेत्र के अनुसार इन नियमों का पालन करें ताकि पेनल्टी से बचा जा सके।